एमिटी विश्वविद्यालय में भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास चालक विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
 



 

एमिटी विश्वविद्यालय में भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास चालक विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोज

 


 


 


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एमिटी स्कूल आॅफ इंश्योरेंस बैकिंग एंड एक्चुरियल सांइसेस द्वारा छात्रों को भारतीय अर्थव्यस्था में हो रहे परिवर्तन और उसमें बैकों की भूमिका पर जानकारी देने हेतु आज आई टू ब्लाक सभागार, एमिटी विश्वविद्यालय में ''भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास चालक'' विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का शुभारंभ पंजाब नेशनल बैंक के नाॅन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन श्री सुनिल मेहता, भारतीय रिर्जव बैंक के रिजनल डायरेक्टर श्री अजय कुमार, ओरियंटल बैंक आॅफ काॅर्मस के फिल्ड जनरल मैनेजर श्री सुकेश गुप्ता, पंजाब नेशनल बैंक की जनरल मैनेजर (स्ट्रैटजिक मैनेजमेंट) सुश्री आरती मटटू, तमीलनाड मरकेंटाइल बैंक लिमिटेड के डीजीएम श्री पी रविचंद्रन, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला, एमिटी शिक्षण समूह के चीफ फाइनेंसियल आॅफिसर श्री आशीष बिंद्रा, एमिटी लाॅ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय एंव एमिटी स्कूल आॅफ इंश्योरेंस बैकिंग एंड एक्चुरियल सांइसेस के निदेशक श्री ए पी सिंह ने पांरपरिक दीप जलाकर किया।


 
पंजाब नेशनल बैंक के नाॅन एक्जीक्यूटिव चेयरमैन श्री सुनिल मेहता ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज कल भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में काफी कुछ कहा जा रहा है पिछले 35 वर्षो से अधिक समय से देख रहा हूं यह एक भारतीय अर्थव्यवस्था का समय च्रक है जो आता जाता रहता है। श्री मेहता ने कहा कि अर्थव्यस्था का यह समय भी महत्वपूर्ण होता है जो हमारे भविष्य को निखारता है। जब बाजार अपनी अच्छी स्थिती पर होता है तो सही मायनों की चुनौतियां उसके नीचे दब जाती है और हमें दिखती नही है। हमें संकट को समझना है, उसको जानना है और संकट प्रबंधन को अपनाना है। नियम एंव निती को लागू करके हम हर समस्या से उबर सकते है। किसी भी अर्थव्यवस्था में अखंडता एंव पारदर्शिता सबसे महत्वपूर्ण भाग होतें है। उन्होनें स्ट्रक्चरल एजेंडा, ट्रांसफार्मेंशनल एजेंडा एंव इनोवेशनल एजेंडा के बारे में बताया और कहा कि हमें जोखिम प्रबंधन और शासन को और अधिक उन्नत बनाना होगा। आने वाली समस्यायें हमारे लिए समस्या है या चुनौतियां इसका निर्णय आपको करना है। हम अपनी भारतीय अर्थव्यस्था के लिए निर्धारित 5 ट्रिलियन डाॅलर के विकास के लक्ष्य को हासिल कर सकते है ंिकंतु इसके लिए सबको मिलकर कार्य करना होगा। छात्रों को सम्मुख अवसरो की भरमार है



भारतीय रिर्जव बैंक के रिजनल डायरेक्टर श्री अजय कुमार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में आने वाली वृद्धि एंव मंदी को देखने का हर अर्थशास्त्री का अपना नजरिया होता है। आज सारा बाजार आपस में परस्पर जुड़ा हुआ है। खपत एंव मांग के मध्य संचालित अर्थव्यवस्था में बैंको की भूमिका भी सबसे अधिक है। बैंक लोन के हर स्तर पर विशेष ध्यान देना होगा। अगर हम अर्थव्यवस्था के वृद्धि का विश्लेषण करते है तो हमें मंदी का विश्लेषण भी करना चाहिए। भारतीय रिर्जव बैंक, पिछले कई वर्षो से वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा दे रहा है जिसमें समाज के विभिन्न स्तरों पर वित्तीय जानकारी प्रदान की जाती है। उन्होनें छात्रों से कहा कि हमें अभी विचार करना होगा कि भविष्य की अर्थव्यवस्था किस तरह का व्यवहार करेगी और अभी वैश्विक एंव घरेलू बाजार का सही तरीके से विश्लेषण होना आवश्यक है। श्री कुमार ने कहा कि आरबीआई द्वारा घटाये गये रेपो रेट, एमएसएमई में उपलब्ध अवसर, कमेटियों का निर्माण आदि बारे में जानकारी देते हुए छात्रों विभिन्न बाजार जैसे धन बाजार, संपत्ति बाजार एंव स्वर्ण बाजार के बारे में जानकारी प्राप्त करने की सलाह दी।
एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला ने अतिथियों एंव छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में देश की अर्थव्यवस्था सहित उद्योगों और बैकिंग क्षेत्र में भी परिवर्तन हो रहा है इसलिए उसके अनुरूप छात्रों को शिक्षा प्रदान करने का दायित्व हम पर है। आज इस सम्मेलन में आये बैकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञ वर्तमान में बैकिंग क्षेत्र में हो रही चुनौतियों का निवारण कर रहे है इसलिए छात्रों का सही मार्गदर्शन इनसे अवश्य प्राप्त होगा। उन्होनें छात्रों से कहा कि आपको संस्थान के अंदर और बाहर दोनो ही चुनौतियों के लिए तैयार होना है।
एमिटी स्कूल आॅफ इंश्योरेंस बैकिंग एंड एक्चुरियल सांइसेस के निदेशक श्री ए पी सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सम्मेलन एंव तकनीकी सत्रों के संर्दभ में जानकारी प्रदान की।
तकनीकी सत्रों के अंर्तगत केयर एडवाइजरी रिर्सच एंड ट्रेनिंग लिमिटेड के सीईओ श्री संजीत कुमार, एक्सीस बैंक लिमिटेड के गर्वरमेंट बिजनेस गु्रप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुश्री शिफाली जैन, केनरा बैंक के डीजीएम श्री आर पी जैसवाल, रिसेुरजेंट इंडिया लिमिटेड के संस्थापक एंव एमडी श्री ज्योती प्रकाश गादिया सहित कई विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे।