मैं किसी से नहीं डरता हूं चाहे हमारा पीएस हो या फिर मुख्यमंत्री कमलनाथ जी क्यों ना आ जायें। हम सरकार को राजस्व मुहैया कराते हैं और जिससे सरकार संचालित होती है
जिला पंजीयक कार्यालय भोपाल में इन दिनों पंजीयकों का गैर जिम्मेदाराना रवैया दिखाई दे रहा है। दलालों और प्राईवेट कर्मीयों के महौल में ये लोग इतने समा गया हैं कि इन्हें अच्छा और बुरा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है।
हाल में मेरे द्वारा ऐसा ही मामला भोपाल जिला पंजीयक कार्यालय में देखा गया जब मैं वहां उप पंजीयक बृजेन्द्र शुक्ला से मिलने पहुंचा तो वहां का महौल देखकर मैं औचक रह गया। क्योंकि वहां मैनें देखा कि उप पंजीयक अपनी सीट पर बिराजमान नहीं थे। उसके बावजूद दनादन रजिस्ट्रीयां वहां के प्राईवेट लड़के किये जा रहे थे। जो काम वहां पर उप पंजीयक के सामने होना चाहिए था वह उनकी गैर हाजिरी में हो रहा था। बहुत देर तक ऐसा होता देखता रहा लेकिन जब मुझसे ज्यादा सहन नहीं हुआ तो मैंने वहां मौजूद लोगों से पूछा की कहां हैं उप पंजीयक महोद्य और उनकी गैर हाजिरी में ये काम आप लोग कैसे कर रहे हो। और मैंने अपना परिचय दिया कि मैं एक खबरकार हूं। तब जाकर वे लोग सकपका गये और बोले साहब बाथरूम गये हैं लेकिन पिछले आधा गंटे से अधिक का समय मैं वहां बिता चुका था तो मैंनें कहा कि आधा घांटा हो गया ये कौन सा वाला बाथरूम होता है भाई। चलो मान लेते हैं वे बाथरूम गये हैं तो क्या तुम लोगों से कह गये है ये काम तुम लोग करते रहना। इतना सुनकर कुछ लोग श्रीशुक्ला को बुलाकर ले आये। शुक्ला जी के आते ही मैंने सीधा यही सबाल दाग दिया कि आपकी गैर हाजिरी में रजिस्ट्रीयों को अंजाम कैसे दिया जा रहा है। और आप इतने जिम्मेदाराना कार्य के लिये इतने लापरवाह क्यों बने हुए हैं। तब ये सुनकर उन्होंने जो जबाव दिया उसे सुनकर मैं भी औचक रह गया उन्होंने कहा कि मैं इसी तरह काम करता हूं। हमारा तो यही अंदाज है। मैं तो सरकार और अपने वरिष्ठ अधिकारियों से भी कह चुका हूं कि मैं इसी अंदाज में कार्य करूंगा अपने कुछ निजी प्राईवेट लोगों को कार्य के लिये रखूंगा। मैं किसी से नहीं डरता हूं चाहे हमारा पीएस हो या फिर मुख्यमंत्री कमलनाथ जी क्यों ना आ जायें। हम सरकार को राजस्व मुहैया कराते हैं जिससे सरकार संचालित होती है। ऊपर से वरिष्ठ अधिकारियों को भी महावारी देना पड़ती है। जब हमें ऐसा करना ही तो पत्रकार और मीडिया से हमें किसी बात का भय नहीं हैं आप लोग क्या करोगे हमारी इन बातों को प्रकाशित करोगे तो कर देना क्या होगा मेरा ज्यादा से ज्यादा ट्रांसफर हो जायेगा। करना तो मुझे यही काम है। यहां नहीं तो और कहीं। इसलिये आप जायें हमारी शिकायत करें और जो कर सकते करो चाहे पीएस के पास जाओ आ मुख्यमंत्री के। मुझे किसी का डर नहीं।
जब मैंने उनसे कहा कि आप इतने हाजिर जबाव हैं तो ये जो बात आप मुझसे इतनी दंभ भरकर कह रहें हैं क्या ऑन कैमरा ऐसा कह सकते हैं तो उन्होंने कहा की आपने मेरी गैर हाजिरी की रिकार्डिंग की है जिसमें इन प्राईवेट लोगों के द्वारा रजिस्ट्री की जा रही हैं। तो यही मान लो कि जो आपने रिकार्ड किया है वही मैं करता और एैसा ही करता रहूंगा।
लेकिन उन्होंने जो बातें बगैर कैमरे के स्वीकार की हैं उसे वे कैमरे के सामने स्वीकार करनी की हिम्मत नहीं दिखा पाए लेकिन उनके द्वारा कही गयी बात की वे वरिष्ठ अधिकारियों को भी महावारी पहुंचाते हैं यह बात गले भी नहीं उतर रही है और सच भी लग रही है क्योंकि जब कोई अधिकारी इस तरह से बेहिचक इतना दंभ भर रहा है तो कुछ ना कुछ सच्चाई तो रही होगी।
बहरहाल बृजेन्द्र शुक्ला उप पंजीयक से जुड़े अन्य पहलुओं के विषय में मैं आपको अवगत कराता रहूंगा। आज मैंने आपको जिस सच्चाई से अवगत कराया है वे शब्द उप पंजीयक बृजेंन्द्र शुक्ला के श्रीमुख के प्रकट हुये थे। जिसकी सच्चाई के विषय में मैं ज्यादा कुछ नहीं जानता लेकिन उनकी कही बातों में कितनी सच्चाई है उसकी खोज मेरे द्वारा अवश्य जारी रहेगी।